बस इतनी सी है जरूरत
दो वक्त का निवाला मिल जाए,
कुदरत के इंन बेजूबानो को
किसी ईनसान का साहारा मिल जाए।।
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इनकि वफादारी से वाकिफ है हर कोई,
इनकि मासूमियत देखकर
विशाल पर्वत भी पिघल जाए।।
कुदरत के इंन बेजूबानो को
किसी ईनसान का साहारा मिल जाए।।
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परे है ये हर दुनियादारी से,
इन्हे बस प्यार की भाषा समझ आई है
एक नजर प्यार से इनका चेहरा खिल जाए।।
कुदरत के इंन बेजूबानो को
किसी ईनसान का साहारा मिल जाए।।
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